श्रीमद्भागवत गीता के रचयिता कौन थे?
Bhagavad Gita Kisne Likhe क्या आपने कभी सोचा, “भगवद गीता की रचयिता कौन है?” यह ब्लॉग पोस्ट भगवद गीता के रचयिता, इसकी उत्पत्ति और हिंदू दर्शन में इसके महत्व से जुड़े रहस्यों को उजागर करेगा।
भगवत गीता के लेखक और रचयिता कौन हैं?
भगवद गीता का पूरा नाम ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ है, जिसे महाभारत का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। इसे सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि पर अर्जुन को दिया था।
रचयिता के संबंध में, भगवद गीता का असली लेखक व्यास मुनि थे, जिन्होंने इसे लिखा था और महाभारत के महान ग्रंथ में शामिल किया था। यह गीता का समय महाभारत के युद्ध के समय था, जब अर्जुन मोरल दिलेमा में थे।
गीता का महत्व इसके उपदेशों और धार्मिक मूल्यों में है, और इसमें 18 बातें हैं जो जीवन के मार्गदर्शन के रूप में काम आती हैं।
गीता के अध्याय और उनके नाम
गीता में 18 अध्याय हैं। हर अध्याय का अलग-अलग नाम है। ये नाम इस प्रकार हैं :
1. पहला अध्याय – अर्जुनविषाद योग
2. दूसरा अध्याय – सांख्ययोग
3. तीसरा अध्याय – कर्मयोग
4. चौथा अध्याय – ज्ञान-कर्म-सन्यास योग
5. पाँचवाँ अध्याय – कर्म सन्यास योग
6. छठवाँ अध्याय – आत्मसंयम योग
7. सातवाँ अध्याय – ज्ञान-विज्ञान योग
8. आठवाँ अध्याय – अक्षरब्रह्म योग
9. नवां अध्याय – राजगुह्य योग
10. दसवां अध्याय – विभूति योग
11. ग्यारहवाँ अध्याय – विश्वरूपदर्शन योग
12. बारहवाँ अध्याय – भक्तियोग
13. तेरहवाँ अध्याय – क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग
14. चौदहवाँ अध्याय – गुणत्रय विभाग योग
15. पंद्रहवाँ अध्याय – पुरुषोत्तम योग
16. सोलहवां अध्याय – दैवासुर सम्पद्विभाग योग
17. सत्रहवाँ अध्याय – श्रद्धात्रय विभाग योग
18. अठारहवाँ अध्याय – मोक्ष सन्यास योग
Frequently Asked Questions:
गीता का पूरा नाम क्या है?
श्रीमद्भगवद्गीता कहलाती है।
गीता किसने लिखी और कब लिखी?
व्यास मुनि द्वापर युग के समय इसे लिखे थे, महाभारत के दौरान।
श्रीमद्भागवत गीता किस महान ग्रंथ का अंश है?
यह महाभारत का एक महत्वपूर्ण भाग है।
गीता कब लिखी गई थी?
इसका लेखन द्वापर युग के समय हुआ था।
गीता की 18 बातें कौन सी हैं?
यह 18 अद्वितीय अध्याय हैं जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करते हैं।
Conclusion:
इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि भगवद गीता के रचयिता व्यास मुनि थे, और यह कैसे महाभारत के हिस्से में आई।
हमें इस महत्वपूर्ण ग्रंथ के महत्व के बारे में भी जानकारी मिली। आपको क्या जानना है? कृपया हमसे साझा करें और हमारे आगामी ब्लॉग पोस्ट की उत्सुकता का स्पष्ट इजहार करें।