गिल्ली डंडा का गेम क्या है? Gilli Danda

दोस्तों तो क्या आप गिल्ली-डंडा के खेल से जुडी जानकारी जानना चाहते हैं? यह भारत का लुप्त होता खेल है, जानिए इसके इतिहास, नियम से जुडी जानकारी। सभी खेल की तरह “गिल्ली-डंडा” भी एक महत्वपूर्ण खेल है जो हमारे देश में खेला जाता है। गांव में रहने वाले वालो के लिए सबसे पंसदीदा खेल गिल्ली डंडा को ही माना जाता है।

गांव के लोग इस खेल को “गुल्ली डंडा” के नाम से भी जानते हैं। हमारे भारत देश में बहुत तरह के खेल खेले जाते हैं जैसे की क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, हॉकी, चेस, लूडो, मार्कर, राजा मंत्री चोर सिपाही इत्यादी। इनमे से कुछ खेल घर के अंदर भी खेले जाते है और कुछ खेल घर के बाहर भी खेले जाते है।
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गिल्ली डंडा बच्चो का लोकप्रिय खेल है क्यूंकि गावं में ज्यादातर बच्चे इस खेल को ही खेलते हैं, परतु आज के 21 वीं सदी ज़माने में यह लुप्त होती खेल है जो की 1990 के आस पास तक ही खेली गयी है।
गिल्ली डंडा क्या है? इससे कैसे खेले
गुल्ली डंडा को विट्टी डांडू के रूप में भी जाना जाता है और अन्य विविधताओं से, भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न एक खेल है, जो ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में पूरे दक्षिण एशिया के साथ-साथ कंबोडिया, तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, इटली, पोलैंड में खेला जाता है और क्यूबा जैसे कुछ कैरेबियाई द्वीपों में भी इससे खेला जाता है।
गिल्ली या गुल्ली डंडा पूरे भारत में काफ़ी प्रसिद्ध खेल है। इसे सामान्यतः एक बेलनाकार लकड़ी से खेला जाता है जिसकी लंबाई बेसबॉल या क्रिकेट के बल्ले के बराबर होती है, जिससे खेल में हम गुल्ली के नाम से जानते है।

इसी की तरह की छोटी बेलनाकार लकड़ी को गिल्ली कहते हैं जो किनारों से थोड़ी नुकीली या घिसी हुई होती है। कुछ साल पहले तक अक्सर बच्चे हाथ में एक डंडा और गुल्ली लेकर खेलते हुए नजर आते थे, किंतु समय के साथ-साथ यह खेल लगभग लुप्त होने के कगार पर आ गया है।
इस खेल की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि इसमें खेल सामग्री के नाम पर कुछ भी खर्चे वाली बात नहीं है, बस इसमें केवल एक 2-3 फीट लकड़ी का डंडा और एक गुल्ली जिसके दोनों किनारों को नुकीला कर दिया जाता है, जिससे उस पर डंडे से मारने पर गुल्ली उछल पड़े।
गिल्ली डंडा खेलने का तरीका – How to Play Gilli-Danda
गिल्ली-डंडा में डंडा एक बेलन के आकार की लकड़ी से बनी होती है, जिसके लम्बाई क्रिकेट के बल्ले के आकार बराबर या ग्राफ की तरह होती है, और गिल्ली छोटी सी बेलन के आकार जैसी होती है जो किनारे से थोड़ी सी नुकीली होती है।
गिल्ली-डंडा को खेलने के लिए दो लोगो की जरूरत होती है, इस खेल में दो या दो से ज्यादा लोग भी खेलते हैं। गिल्ली-डंडा खेलने वाले लोग बहुत ही उत्साह से इस खेल को खेलते हैं। आइये नीचे जानते है की गिल्ली-डंडा खेलने का तरीका और नियम क्या है।
गिल्ली डंडा खेलने का तरीका और इस खेल के नियम बेहद ही आसान है: –
- इस खेल को खेलने के लिए दो लोगो की जरूरत होती है पर दो से ज्यादा लोग भी इस खेल को खेल सकते हैं।
- इस खेल को शुरू करने से पूर्व जमीन पर एक छोटा और लम्बा गड्ढा खोदते है, फिर उस गड्ढे में गिल्ली को इस अंगूर को रखना है की गिल्ली का कुछ हिस्सा ऊपर की दिखाई देता रहा।
- उसके बाद डंडे से गिल्ली के किनारे पर मारते समय पहला खिलाडी का दायाँ हाथ उसके दानों पैर के निचे होता है।
- फिर डंडे के सहारे गिल्ली को उछालते है और उस गिल्ली को दूर तक पहुंचाने की कोशिश करते है।
- अगर गिल्ली को उछालते ही सामने वाला यानि दूसरी खिलाडी हवा में उस गिल्ली को अपने हाथो में पकड़ लेता है तो पहला खिलाडी जो खेल रहा होता है वह बाहर हो जाती है यानि की हार जाती है।
- अगर दूसरा खिलाड़ी गिल्ली को पकड़ नहीं कर पाता है और गिल्ली दूर तक पहुंच जाती है तो पहले खिलाड़ी डंडे को गड्ढे पर रखता है और सामने वाला खिलाडी गिल्ली को उठाकर वहीँ से डंडे पर मारने की कोशिश करता है।
- अगर गिल्ली का निशाना डंडे पर लग जाए तो पहला खिलाडी हार जाता है और फिर दुसरे खिलाडी की बारी आती है और दूसरा खिलाडी भी ठीक पहले खिलाडी की तरह ही खेलता है।
- अगर ऐसा नहीं होता तो इसका मतलब अगर गिल्ली डंडे में नहीं लगता है तो पहले वाला खिलाडी फिर से गिल्ली डंडा खेलता है।
- अगर डंडे से गिल्ली के किनारे मारते समय गिल्ली हवा में उपलकर दूर तक नहीं पहुंचती तो पहले वाला खिलाडी को तीन बार मौका दिया जाता है।
- अगर तीनो बार गिल्ली से डंडा स्पर्श नहीं हो पाया तो पहले खिलाडी का समय खत्म हो जाता है और दुसरे खिलाडी की बारी आ जाती है।
गिल्ली-डंडा खेलते समय सावधानी बरतें
इस खेल को खेलते समय बहुत ही सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है अगर इस खेल को सावधानी पूर्वक नहीं खेला जाए तो किसी को भी चोट लगनी है। इसे खेलने के समय आँखों में अंक लगने की ज्यादा संभावना बनी रहती है इसलिए इस खेल को सावधानी से खेलना चाहिए।