हनुमान जी पूरे भारत के सबसे फ़ेवरेट देवता रहें हैं और शायद ही कोई गाँव हो जहाँ हनुमान जी का मंदिर न हो। बचपन में उनकी महान लोकप्रियता उनकी ताकत, बुद्धिमत्ता और ज्ञान के कारण है और वे इन सभी के दाता हैं।
हनमना जयंती के लिए आपके लिए (Shri Hanuman Chalisa) जय हनुमान ज्ञान गुन सागर का पाठ लेकर आए है जिसके लिरिक्स इंग्लिश और हिंदी में पब्लिश है। और आप इसका ऑडीओ और PDF फ़ाइल भी डाउनलोड कर सकते है।

हनुमान जी का उचारण करने का सबसे आसान तरीका है तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा चालीसा का पाठ।
Hanuman Chalisa in Hindi
Hanuman Chalisa: भगवान हनुमान जी को बुराई को नष्ट करने वाले के रूप में जाना जाता है और उन्हें शक्ति, और भक्ति के संरक्षण के प्रतीक के रूप में पूजा की जाती है।
हमने यहाँ पर हिंदी, अंग्रेज़ी और अर्थ के साथ श्री हनुमान चालीसा को हिंदी में वर्णन किया है। हनुमान जी के दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।
रामदूत अतुलित बलधामा । अंजनि-पुत्र पवनसुतनामा ।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै । कांधे मूंज जनेऊ साजै ।।
संकर सुवन केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बन्दन ।।
विद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।
भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचंद्र के काज संवारे ।।
लाय सजीवन लखन जियाये । श्रीरघुबीर हरषि उर लाये ।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं ।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते । कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा । राम मिलाय राज पद दीन्हा ।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना । लंकेस्वर भए सब जग जाना ।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।
दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।
राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डर ना ।।
आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक तें कांपै ।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै । महाबीर जब नाम सुनावै ।।
नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।
सब पर राम तपस्वी राजा । तिन के काज सकल तुम साजा ।।
और मनोरथ जो कोई लावै । सोइ अमित जीवन फल पावै ।।
चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।
साधु-संत के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।
राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।
तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम-जनम के दुख बिसरावै ।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई । जहां जन्म हरि-भक्त कहाई ।।
और देवता चित्त न धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।
संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।
जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मंह डेरा ।।
दोहा
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

हिंदी अर्थ: गुरुदेव के श्री चरण कमलों की पराग रुपी रज के द्वारा अपने मन रुपी दर्पण को स्वच्छ कर (विकार रहित कर) रघुकुल शिरोमणि श्री राम जी के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ जो हमें चारों पुरुषार्थ का फल देने वाला है।
स्वयं को बुद्धि और बल में कमजोर जानकर मैं पवनसुत हनुमान जी का स्मरण करता हूँ जो मुझे बल, बुद्धि और सभी विद्याएं देकर हमारे सभी क्लेश और विकार दूर करते हैं।
श्री हनुमान जी आपकी जय हो आप ज्ञान के भंडार और सभी गुणों के सागर हैं, वानरों में श्रेष्ट! आपकी ख्याति तीनो लोकों में व्याप्त है। आप राम जी के दूत हैं, अप्रमेय बलवान हैं, माता अंजनी के पुत्र हैं और पवन पुत्र नाम से भी प्रसिद्द हैं।
हे बजरंग बली! आप महावीर हैं और आपका पराक्रम अद्भुत है आप हमारी दुष्ट बुद्धि को दूरकर देते हैं और अच्छी बुद्धि (सुमति) वालों के साथ सदा रहते हैं। आपकी त्वचा सुनहरी है और आपने सुन्दर वस्त्र धारण किये हैं, आपके कानों में कुण्डल हैं और आपके बाल घुंघराले हैं।
आपके हाथों में बज्र(गदा) और (धर्म की) ध्वजा है और दाहिने कंधे पर मूँज का जनेऊ शोभित है। आप शंकर जी के अवतार और वानर-राज केसरी के पुत्र हैं और आपके प्रताप की कोई सीमा नहीं है आपकी वंदना सम्पूर्ण जगत करता है।
आप सभी विद्याओं के आधार हो, गुणवान हो और सभी कार्य बड़ी चतुराई से करने वाले हो, भगवान् राम के काम को करने के लिए आप सदैव तत्पर रहते हो। आप भगवान की लीला कथाओं का प्रेम से सुनते हैं और आपके ह्रदय में राम, लक्ष्मण और सीता जी सदैव रहते हैं।
आप सीता जी के सम्मुख छोटे रूप में प्रकट हुए और आपने भयानक रूप लेकर लंका को जला दिया। भयंकर बलशाली रूप लेकर आपने असुरों का संहार किया और इस प्रकार भगवान राम के कार्य संपन्न किये।
आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी की जान बचाई जिस पर भगवान श्री राम ने प्रसन्न होकर आपको ह्रदय से लगा लिया। भगवान श्री राम ने आपको भरत के समान प्रिय भाई बताकर आपकी बहुत प्रशंसा की।
हजारों मुख वाले शेषनाग तुम्हारे यश का गान करेंगे ऐसा कहकर भगवान श्री राम ने आपको ह्रदय से लगाया। सनक, सनन्दन, सनातन, और सनत्कुमार आदि ऋषि, मुनि, ब्रह्मा जी, नारद जी, माँ शारदा और शेषनाग आपका गुणगान करते हैं।
यम, कुबेर, सभी दिग्पाल, कवि, पंडित, विद्वान ये कोई भी आपके यश का गान पूरी तरह नहीं कर सकते हैं। आपने सुग्रीव पर उपकार किया उनको श्री राम से मिलाया और उन्हें राज्य दिलाया।
इसी प्रकार आपके दिए हुए मन्त्र/ उपदेश का पालन कर बिभीषन भी लंका के राजा हो गए। सूर्य के युग के हजार योजन पर स्थित होने पर भी आप बालपन में ही उसे एक मीठा लाल फल समझ कर निगल गये।
आप प्रभु श्री राम के द्वारा दी हुई अंगूठी को मुँह में रखकर समुद्र को पार कर गए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। सम्पूर्ण जगत के लिए जो दुस्कर कार्य हैं वे आपकी कृपा से सहजता से हो जाने वाले हैं।
श्री राम जी के द्वार के आप रखवाले हैं आपकी आज्ञा के बिना कोई आगे नहीं जा सकता अर्थात प्रभु श्री राम के दर्शन आपकी आज्ञा/ आशीष से ही सुलभ हैं। आपकी शरण में आते ही सभी सुख प्राप्त होजाते हैं जब आप जैसा रक्षक साथ हो तो हमें किसी से भी डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आपकी शक्ति का पारावार आपके ही पास है आपकी एक हुंकार से तीनों लोक काँप उठाते हैं। हे महावीर! आपके नाम स्मरण मात्र से भूत पिसाच पास नहीं आते हैं।
हे हनुमान जी आपके निरंतर जप की शक्ति से सभी प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ा दूर हो जाती है। जो भी आपका मन वचन और कर्म से ध्यान करता है उसे आप सभी प्रकार के संकट से मुक्त कराते हैं।
सभी राजाओं में सबसे बड़े तपस्वी श्री राम हैं और आपने ही उन प्रभु श्री राम के सभी कार्य संपन्न किये। जब आपके पास कोई इच्छा लेकर भक्त आता है वो जीवन भर न मिटने वाला फल प्राप्त करता है।
आपके प्रताप का यश चारों युगो में व्याप्त है और सम्पूर्ण जगत में आपकी ख्याति का प्रकाश व्याप्त है। आप सभी साधु और संतों के रक्षक हो असुरों का संहार करने वाले और श्री राम के प्रिय हो।
आपको माता जानकी ने ये वरदान दिया है कि आप अष्ट सिद्धि और नव निधि का वरदान दे सकते हैं। आप के पास राम जी के प्रेम का भंडार है इसलिए आप सदा श्री राम जी के दास बने रहते हैं।
आपके भजन से राम जी कि प्राप्ति होती है और जन्म जन्मांतर के दुखों कि विस्मृति हो जाती है। इस जन्म के बाद रघुनाथ जी के धाम में जायेंगे और अगने जन्म में भक्ति का प्रसाद पाकर राम जी के भक्त कहलायेंगे।
किसी और देवता की सेवा की कोई आवश्यकता नहीं हनुमान जी की सेवा सभी सुख देने वाली है। महाबली हनुमान जी का स्मरण करने वाले के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं, और उसकी सभी पीड़ा दूर हो जाती है।
हे हनुमान जी आपकी जय हो, आप मुझ पर गुरुदेव के समानकृपा बनाये रखे। जो सौ बार इस चालीसा का पाठ करलेता है वो सभी बंधनो से मुक्त हो जाता है और महान सुख को प्राप्त करता है।
जो इस हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसके हर काम सिद्ध होते हैं इस बात के साक्षी स्वयं शंकर भगवान् हैं। हे हनुमान जी, (मैं) तुलसीदास सदा प्रभु श्री राम का दास रहूँ और आप मेरे ह्रदय में निवास करें।
हे पवन पुत्र हनुमान जी आप सभी संकटो को दूर करने वाले हैं, आप मंगल की मूर्ति है। आप प्रभु श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ मेरे ह्रदय में निवास कीजिये।
Jai Hanuman Chalisa English Lyrics
Doha:
Sri Guru Charan Saroj Raj Nij Man Mukur Sudhari, Baranau Raghuvar Bimal Jasu Jo Dayaku Ohal Chari II
Buddhiheen Tanu Janike Sumarau Pavan Kumar, Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi Harau Kalesh Vikar II
Hanuman Chalisa in English:
Jai Hanuman gyan gun sagar
Jai Kapis tihun lok ujagar
Ram doot atulit bal dhama
Anjaani putra Pavan sut nama
Mahavir Bikram Bajrangi
Kumati nivar sumati ke sangi
Kanchan varan viraj subesa
Kanan kundal kunchit kesa
Hath vajra aur dhvaja viraje
Kaandhe moonj janeu saje
Shankar suvan kesri nandan
Tej pratap maha jag vandan
Vidyavan guni ati chatur
Ram kaj karibe ko aatur
Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Ram Lakhan Sita man basiya
Sukshma roop dhari siyahi dikhava
Vikat roop dhari lank jarava
Bhima roop dhari asur sanghare
Ramachandra ke kaj sanvare
Laye Sanjivan Lakhan jiyaye
Shri Raghuvir harashi ur laye
Raghupati kinhi bahut badai
Tum mam priye Bharat hi sam bhai
Sahas badan tumharo yash gaave
Asa kahi Shripati kanth lagawe
Sankadik Brahmadi Muneesa
Narad Sarad sahit Aheesa
Yam Kuber Digpal jahan te
Kavi Kovid kahi sake kahan te
Tum upkar Sugreevahin keenha
Ram milaye rajpad deenha
Tumharo mantra Vibheeshan maana
Lankeshwar bhaye sab jag jana
Yug sahastra jojan par Bhanu
Leelyo taahi madhur phal janu
Prabhu mudrika meli mukh mahee
Jaladhi langhi gaye achraj nahee
Durgam kaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhare tete
Ram dwaare tum rakhvare
Hoat na agya binu paisare
Sub sukh lahe tumhari sar na
Tum rakshak kahu ko dar naa
Aapan tej samharo aapai
Teenhon lok hank te kanpai
Bhoot pisaach nikat nahin aave
Mahavir jab naam sunave
Nase rog harae sab peera
Japat nirantar Hanumant beera
Sankat te Hanuman chudavae
Man kram vachan dhyan jo lavai
Sab par Ram tapasvi raja
Tin ke kaj sakal Tum saja
Aur manorath jo koi lavai
Soi amit jeevan phal pavai
Charon jug partap tumhara
Hai persidh jagat ujiyara
Sadhu Sant ke tum rakhware
Asur nikandan Ram dulare
Ashta sidhi nav nidhi ke dhata
As var deen Janki mata
Ram rasayan tumhare pasa
Sada raho Raghupati ke dasa
Tumhare bhajan Ram ko pavai
Janam janam ke dukh bisraavai
Anth kaal Raghuvir pur jayee
Jahan janam Hari Bakht Kahayee
Aur Devta chit na dharahi
Hanumanth sehi sarve sukh karehi
Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai Hanumat balbeera
Jai Jai Jai Hanuman Gosai
Kripa karahu Gurudev ki nahi
Jo sat bar path kare kohi
Chutahi bandhi maha sukh hohi
Jo yah padhe Hanuman Chalisa
Hoye siddhi sakhi Gaurisa
Tulsidas sada hari chera
Keejai nath hridaye mein dera
Pavan tanay sankat harana, Mangal murti roop I
Ram Lakhan Sita sahit, Hridaya basahu sur bhoop II
Hanuman Chalisa in Hindi PDF
आप चाहें तो अपने फोन या लैपटॉप पर PDF Format में हनुमान चालीसा डाउनलोड कर सकते हैं। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और अब Hanuman Chalisa Lyrics PDF Download करें।
Hanuman Chalisa MP3 Song Download
हनुमान चालीसा में कई गाने हैं। यदि आप चाहें, तो आप YouTube Video को MP3 में Download कर सकते हैं और इसे अपने फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं।
यहाँ मैं आपके साथ गुलशन कुमार जी के हनुमान चालीसा को साझा करने जा रहा हूँ।
हम सभी जाने-अनजाने में पाप करते हैं। आप हनुमान चालीसा का मार्ग अपनाकर क्षमा याचना कर सकते हैं। रात में कम से कम 8 बार हनुमान चालीसा के शुरुआती छंदों को याद करने से आपके द्वारा किए गए पापों को दूर करने में मदद मिलती है।
हनुमान चालीसा क्या है?
हनुमान चालीसा एक हनुमान जी को समर्पित कविता है। 16 वीं शताब्दी के कवि तुलसीदास द्वारा अवधी में लिखा गया चालीसा कविताओं या चालीस चौपाइयों का अर्थ है जो चालीस छंदों का संकलन है। भगवान हनुमान कौन हैं! यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखकर हम सभी का बहुत बड़ा उपकार किया है।
बजरंगबली प्रसन्न करने के लिए पढ़ें हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा पढ़ने की भी एकविधि होती है जिसके अनुसार हर एक श्र्धालु को हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए, वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू धर्म में हर रोज ये मंगलवार या शनिवार को करते हैं।
लेकिन, हनुमान चालीसा के पाठ आपकी सभी मनोकामनायें पूरी करता है, अगर कोई हनुमान भक्त लगातार 7 दिनों तक हर रोज 7 बार उगते हुए सूर्य या भगवान राम जी के सामने श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें तो कुछ ही दिनों उनकी एक दो नहीं अनेक मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
हनुमान चालीसा कैसे पढ़ते हैं?
भगतों, हनुमंजी को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
जानें क्या है हनुमान चालीसा पढ़ने का महत्व:
- इसे पढ़ने और सुनने वाले दोनो को लाभ मिलता है इसलिए सबनहि को हनुमान चालीसा सुनाएं।
- हनुमान चालीसा लिरिक्स पढ़ने से होंगे ढेरों फायदे:
- हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनचाहा वरदान मिलता है।
- कभी प्राणों पर संकट आ गया हो तो हनुमान चालीसा की लाइन पढ़ें।
- बहुत समय से यदि बीमार हैं तो हनुमान चालीसा पढ़ें।
- किसी भी कार्य को सिद्ध करने के लिए हनुमानचालीसा पढ़ें।
- मन की शांति के लिए सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी का ध्यान करने से रोग, दोष, कष्ट और शोक मिट जाते हैं।
- बच्चों का पढ़ाई में मन ना लगे तो हनुमान चालीसा का पाठ करें।
108 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होता है?
यदि समस्या बहुत गंभीर हो जाती है और आप हर तरफ से फंस जाते हैं, तो 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने के बजाय, हनुमानचालीसा का एक सौ आठ बार पाठ करें। इस प्रयोग में इतनी शक्ति है कि मरने वाले को भी जीवन दान दिया जा सकता है। चालीसा के इस पाठ से न केवल बिगड़े हुए काम संवर जाते हैं बल्कि भूत भी भाग जाते हैं।
हनुमान चालीसा में कितनी चौपाई है?
हनुमान चालीसा अवधी में लिखी गई एक काव्य कृति है जिसमें चालीस चौपाइयों में भगवान राम के परम भक्त हनुमान के गुणों और कार्यों का वर्णन है। यह एक बहुत छोटा काम है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान की सुंदर प्रशंसा की गई है।
जो हनुमान जी के सच्चे भक्त हैं और हनुमान जी को ईमानदारी से चाहते हैं, उन्हें यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि हनुमान चालीसा भी साझा करना चाहिए।