Hindi to Sanskrit Translation कैसे करें? भाषा एक कोशिश करने वाला अनुष्ठान है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को निर्धारित करता है। किसी भी भाषा का ज्ञान उस भाषा के निरंतर अध्ययन से ही आता है, तो यह एक ऐसा काम है जो लगातार चल रहा है।
निरंतरता का अध्ययन करने वाला व्यक्ति वांछित स्थिति की ओर ले जाता है, भाषा के ज्ञान की कुंजी शब्दकोश, व्याकरण और उपयोग विधि है।
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Hindi to Sanskrit Translation
दुनिया के सभी लेखकों और कवियों में विशेष गुण होते हैं। इस वाक्य को समझिए:
मैं जाता हूँ - अहम् गच्छामि
अहम् का अर्थ है – मैं एकवचन। मैं अर्थात् कर्ता, कर्ता वह होता है जो किसी काम को करता है, मैं, वह, तुम, हम सब. राम, योगेश, रमन यह सभी किसी काम को करते है, और सर्वनाम कहलाते है । अहम् – उत्तम पुरुष
मि - उत्तम पुरुष – एकवचन – परस्मैपद वर्तमान काल
गच्छ - धातु गच्छ का मतलब जाना यह एक क्रिया है।
(क्रिया उसे कहते है जिस काम को किया जाता है , उसे क्रिया कहते है जैसे – जाना, खाना, पीना, दौड़ना, खेलना ये सभी क्रियाएँ है।)
अब आप देखिये – अहम् कर्ता है।
यहाँ गच्छ क्रिया है।
जब हम हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते है, तब कर्ता और क्रिया दोनों ही - एक ही वचन तथा एक ही काल, एक ही पुरुष, एक ही पद के होना चाहिये।
यदि कर्ता एक वचन है तो पुरुष भी एक वचन और क्रिया भी एक ही वचन की होगी। इस प्रकार अहम् गच्छामि, दोनों एक वचन है, एक ही पुरुष है उत्तम पुरुष।
अब हम मिश्रित मिले जुले वाक्यों का प्रयोग करेगें । कुछ शब्दार्थ
जैसे – यदा = जब, तदा = तब, तत्र = वहाँ, यथा = जैसे, तथा = वैसे, अपि = भी, च = और, किम् = क्या।
Hindi to Sanskrit Translation करना आसान है, पिछले लेख में आपने जाना की संस्कृत में वाक्य निर्माण कैसे करते है:
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