जातिवाचक संज्ञा: परिभाषा एवं उदाहरण (Jativachak Sangya)
जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की संपूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। यानी, जातिवाचक संज्ञा शब्दों से एक जाति के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्तियों, वस्तुओं व स्थानों का बोध होता है।
जैसे-
- वस्तु – मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर, पुस्तक, कार, ट्रक आदि।
- स्थान – गाँव, स्कूल, शहर, बगीचा, नदी आदि।
- प्राणी – आदमी, जानवर, पशु, पक्षी, गाय, लड़का आदि।
Dravya Vachak Sangya – (द्रव्यवाचक संज्ञा)
जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जब किसी संज्ञा शब्द से व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध होता है तब उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – दूध, घी, गेहूँ, सोना, चाँदी, उन, पानी आदि द्रव्यवाचक संज्ञाएँ है।
Samuh Vachak Sangya – (समूहवाचक संज्ञा)
जिन संज्ञा शब्दों से किसी पदार्थ या धातु का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है । जो शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध कराते है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – भीड़, मेला, कक्षा, समिति, झुंड आदि समूहवाचक संज्ञा हैँ।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण
- गाय : गाय बोलने से पहाड़ी, हरियाणवी, जर्सी, काली, सफ़ेद, देशी, विदेशी आदि सभी गायों का बोध आता है। अतः गाय जातिवाचक संज्ञा शब्द हुआ क्योंकि गाय जानवरों की एक जाती हुई।
- लड़का : लड़का बोलने से सभी तरह के व सभी जगह के लड़कों का बोध होता है जैसे – रामु, श्यामू, विकास, आकाश, पीटर, मार्टिन, डेनियल, सिध्धू, परमिंदर आदि क्योंकि मनुष्य जाती में लड़का एक ख़ास अवस्था वाली जाती हुई।
- नदी : नदी शब्द का प्रयोग करने पर हमें विश्व की सभी नदियों का बोध होता हुई। यह शब्द हमें किसी विशेष नदी जैसे गंगा का बोध न कराकर सभी नदियों बोध करा रहा है।इसके अंतर्गत सभी नदियाँ जैसे – गंगा, यमुना, सरयू, कोसी से लेकर अमेज़न नदी आती हैं। अतः नदी जातिवाचक संज्ञा शब्द हुआ क्योंकि नदी जलश्रोतों की एक जाति है।
- पहाड़ : यह शब्द किसी एक विशेष पहाड़ का बोध न कराकर दुनिया के सभी पहाड़ों का बोध करा रहा है। अतः पहाड़ एक जातिवाचक संज्ञा शब्द है।
- शहर : यह एक स्थानसूचक जातिवाचक संज्ञा है। इसके अंतर्गत तमाम शहर आएंगे – दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी, पटना, कानपूर, लखनऊ सभी।