भगवान शिव के बारे में रोचक तथ्य, Amazing Facts About Shiva
भगवान शिव को कई नामो से जाना जाता है, देवो के देव महादेव, भगवान शिव शंकर, महादेव, भोलेनाथ और शिव शंकर के बारे में आपको कुछ रोचक तथ्य बताएँगे। भगवान शिवजी के कुछ रहस्य जिनके बारे में न ही तो आपने कभी सुना होगा और न कहीं पढ़ा होगा। भगवान शिव के जीवन की कहानी अद्भुत, रोमांचक है, भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है, उनके बारे में यहां प्रस्तुत हैं कुछ रहस्य, तथ्य और अनसुनी बाते जो आपको अवश्य पंसद आएगी।
भगवान् शिव के जीवन पर कई कहानिया और ग्रंथो में पढ़ने को मिलता है, कुछ ऐसे रहस्य और फैक्ट्स ही है जिनके बारे में ज्यादा लोगो को जानकारी नहीं होती, जानिए शिव और महाशिवरात्रि के बारे में अद्भुत और छिपे रहस्य और भगवान शिव भगवन शंकर/महाकाल ऐसे में हमने आपके लिए भगवान शिव के छिपे हुए रहस्य के बारे में यह लेख अंत तक जरूर पढ़े! Facts about Bholenath
भगवान शिव रोचक तथ्य – Lord Shiva Facts
भगवान शिव के कोई माता-पिता नहीं हैं। उन्हें शाश्वत माना जाता है। मतलब, जो हमेशा से था। जिसकी कोई जन्मतिथि नहीं है।
कथक, भरतनाट्यम करते हुए भगवान शिव की मूर्ति को नटराज कहा जाता है।
किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है। लेकिन शिवलिंग कितना भी टूटा हो फिर भी इसकी पूजा की जाती है।
जिस दिन शंकर भगवान और माता पार्वती का विवाह हुआ था, हम उस दिन को शिवरात्रि के रूप में मनाते हैं।
भगवान शिव की एक बहन, अम्मावरी भी थी, जिसे उनकी हर माया महादेव ने देवी पार्वती के आग्रह पर बनाया था।
भगवान शिव की एक बहन, अम्मावरी भी थी, जिसे उनकी हर माया महादेव ने देवी पार्वती के आग्रह पर बनाया था।
भगवान शिव ने गणेश का वध किया था क्योंकि उन्होंने भगवान शिव को देवी पार्वती से मिलने नहीं दिया था।
जिस बाघ पर शिव जी विराजते हैं, उसे स्वयं शिव ने मार दिया था।
भगवान शिव की जटाओं में रहने का वरदान चंद्रमा को मिला हुआ है।
भगवान शंकर के गले में लिपटे सांप का नाम वासुकी है। यह सांप शेषनाग के बाद नागों का दूसरा राजा था।
शिवलिंग के साथ शंकर भगवान को शंख से जल भी नहीं चढ़ाया जाता है। क्योंकि शंकर भगवान ने अपने त्रिशूल से शंखचूड़ को भस्म कर दिया था, और शंख की हड्डियों से शंख बनाया गया था।
शिवलिंग पर कभी भी बिना पानी के बेलपत्र नही चढ़ाया जाता है।
भोले बाबा ने तांडव करने के बाद सनकादि के लिए चौदह बार डमरू बजाया था. जिससे माहेश्वर सूत्र यानि संस्कृत व्याकरण का आधार प्रकट हुआ था।
निष्कर्ष:
जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया Facts about Lord Shiva और Shiv Rahasya Granth बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा।
आज मैंने इस पोस्ट में शिव से जुड़ी गुप्त बातें, जानिए। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
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