मेरा बचपन निबंध में बचपन के यादगार किस्सों, खेलकूद, मौज-मस्ती और परिवार के साथ बिताए पलों का वर्णन है। बचपन की मीठी यादें और सबक याद दिलाने वाला निबंध।
मेरा बचपन निबंध - बचपन के यादगार किस्से और अनुभव
बचपन के दिन कितने प्यारे और बेबाक होते हैं! बचपन हम सभी के जीवन का वो पड़ाव होता है जिसे हम जीवन भर याद रखते हैं। मेरा बचपन भी बहुत ही खूबसूरत था।
मैं एक संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी। हम पांच भाई-बहन थे। बड़े भाई-बहन के साथ खेलना, मस्ती करना और उनसे नए खेल सीखना बचपन का एक बहुत बड़ा आनंद था।
Mera Bachpan Essay in Hindi
बचपन के कुछ यादगार किस्से
मुझे बचपन में अपने दादा-दादी के साथ गांव जाना बहुत अच्छा लगता था। वहां खूब दौड़ाकूद, पेड़ों पर चढ़ना-उतरना और खेतों में घूमना मजेदार लगता था।
एक बार दादा जी ने मुझे भैंस पर सवारी कराई थी। भैंस तेज़ दौड़ी और मैं उसकी पीठ से गिर पड़ी। मेरे हाथ-पैर में खरोंच आ गई लेकिन दादा जी ने मुझे समझाया कि हिम्मत ना हारनी चाहिए। उन्होंने मेरे जख्म पर मलहम लगा कर बांध दिया। दादा-दादी का प्यार और देखभाल याद आती है।
बचपन के खेल और मौज-मस्ती
बचपन में मैं और मेरे दोस्त पार्क में जाकर खूब खेला करते थे - दो-दो पांच, क्रिकेट, रस्सा कूद आदि। घर पर भी हम लुढ़क-पूजा, अंधमुँद आदि खेलते रहते थे।
जब भी मेरा जन्मदिन आता तो मम्मी मेरे लिए मेरा पसंदीदा चॉकलेट केक बनातीं। सारे दोस्त और रिश्तेदार आते। उनके साथ केक काटना, उपहार खोलना और खेलना बेहद मजेदार होता था।
बचपन से सीखा जीवन पाठ
बचपन ने मुझे काफी कुछ सिखाया - दूसरों का ध्यान रखना, सहयोग करना, कठिन समय में हिम्मत ना हारना और खुशियों को जी भर के जीना। बड़ों का सम्मान करना और अनुशासन में रहना भी बचपन में ही सीखा।
बचपन के पल इतने मीठे होते हैं कि जीवन भर चेहरे पर मुस्कान ला देते हैं। मैं अपने बचपन के हर क्षण के लिए सदैव आभारी रहूँगा।