Phishing क्या है, फ़िशिंग अटैक से कैसे बचें?
आज कल इन्टरनेट का प्रयोग जितना तेज़ी से फैला है उतनी ही तेज़ी से इन्टरनेट के नुकसान और तमाम तरह कि जालसाज़ी भी फैली है | इन अटैकर्स या जालसाजो का सीशा मकसद होता है बाकी सीधे सादे इन्टरनेट के उपभोक्ताओं को नुकसान पहुचाना | आज हम उन्ही जालसाजियों में से एक के बारे में…
आज कल इन्टरनेट का प्रयोग जितना तेज़ी से फैला है उतनी ही तेज़ी से इन्टरनेट के नुकसान और तमाम तरह कि जालसाज़ी भी फैली है | इन अटैकर्स या जालसाजो का सीशा मकसद होता है बाकी सीधे सादे इन्टरनेट के उपभोक्ताओं को नुकसान पहुचाना | आज हम उन्ही जालसाजियों में से एक के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसे फिशिंग कहते हैं | इस पोस्ट में हम फिशिंग क्या है (Phishing Kya Hai) इसके बारे में जानने का प्रयास करेंगे और “फिशिंग से कैसे बचे” ये भी सिख्नेगे |
फिशिंग शब्द का मतलब क्या है – फिशिंग क्या है – Phishing Kya Hai
फिशिंग के नाम से ही प्रतीत हो रहा है मछली पकड़ना | जिस प्रकार मछली पकडने के लिये मछली पकड़ने वाले कॉटे में कोई चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच या धोखे में आकर मछली कॉटें में फंस जाती है। उसी प्रकार फ़िशिंग (Phishing) भी हैकर्स (Hackers) द्वारा इन्टरनेट पर नकली वेबसाइट (Fake Website) या ईमेल (Email) के माध्यम से इन्टरनेट यूजर्स के साथ की गयी धोखेबाजी (Scams) को कहते हैं। जिसमें वह आपकी निजी जानकारी (Personal Information) को धोखेबाजी (Scams) के माध्यम से चुरा लेते हैं और उसका गलत उपयोग करते हैं –
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Phishing क्या है – फ़िशिंग अटैक की जानकारी हिंदी में
’फिशिंग’’ इंटरनेट चोरी का एक सामान्य रूप है। इसका प्रयोग हैकर द्वारा किस भी यूज़र की व्यक्तिगत एवं गोपनीय जानकारी जैसे बैंक खाता संख्याएं, नेट बैंकिंग पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड संख्या, व्यक्तिगत पहचान विवरण आदि चुराने के लिए किया जाता है। इसके बाद धोखेबाज़ इन जानकारियों का उपयोग प्रभावित व्यक्तियों के खातों से धन निकालने या प्रभावित व्यक्तियों के क्रेडिट कार्ड से बिलों का भुगतान करने में करता है। सबसे खराब स्थिति वह है जब किसी व्यक्ति पहचान ही चोरी हो जाती है। कई बार तो फिशिंग अटैक के बड़े ही घातक परिणाम देखने को मिले हैं | गोपनीयता और सुरक्षा के द्रिशितिकों से फिशिंग एक बेहद ख़तरनाक किस्म का साइबर क्राइम हैं |
अगर हम भारतीय बैंक और उनके ग्राहकों कि बात करे तो कई भारतीय बैंकों के कुछ ग्राहक सन 2006 की स्टार्टिंग में फिशिंग से काफी ज्यादा प्रभावित हो चुके हैं। फिशिंग के जानकर अपराधी फ़िशिंग के माध्यम से आपको नकली ईमेल या संदेश भेजते हैं, जो किसी प्रतिष्ठित कम्पनी, आपकी बैंक, आपकी क्रेडिट कार्ड कम्पनी, ऑनलाइन शॉपिंग कि वेबसाइट की तरह मिलते-जुलते होते हैं| कई बार ये इतने सिमिलर होते हैं कि एक अच्छा खासा अनुभव वाला व्यक्ति भी गच्चा खा जाता है |
अगर आप सतर्क नहीं हैं तो आप इनके झॉसे में जल्द ही आ जाते हैं। इन नकली ईमेल (Fake Email) या संदेश का उद्देश्य आपकी Pii यानी पर्सनल आइडेंटिफाइएबल इन्फ़ॉर्मेशन (Personally Identifiable Information) को चुराना है। पर्सनल आइडेंटिफाइएबल इन्फ़ॉर्मेशन (Personally Identifiable Information) के अन्तर्गत आपकी निजी और गोपनीय जानकारियॉ आती है जैसे –
Phishing Kya Hai
- आपका पूरा नाम
- आपकी ईमेल यूजर आई0डी
- आपका पासवर्ड
- आपका मोबाइल नम्बर या फोन नम्बर
- आपका पता
- बैंक खाता नम्बर
- एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड नम्बर
- एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड आदि का वेलिडेशन कोड
- आपकी जन्मतिथि का डाटा
और ऐसी कोई भी जानकारी जो आप के लिए नुकसान दायक साबित हो
फिशिंग से कैसे बचे – Phishing Se Kaise Bache
फ़िशिंग अटैक में क्या न करें:
- किसी अंजान स्रोत से प्राप्त ई-मेल के किसी भी लिंक को कभी भी क्लिक न करें। इसमें दुर्भावनापूर्ण कोड (malicious Code) या ‘’फिश’’के हमले का प्रयास हो सकता है।
- किसी भी लालच में न आयेंपॉप-अप विंडो के रूप में आए पेज पर किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नही दें। चाहे आपको कितना भी लुभावना ऑफर क्यों न मिल रहा हो
- कभी भी अपना पासवर्ड फोन पर या ई-मेल से प्राप्त अनपेक्षित अनुरोध पर नहीं बताएं। कई बार अनुरोध करने पर भी नहीं बल्कि उल्टा उस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में कंप्लेंट करे
- हमेशा याद रखें कि जैसे आपके अकाउंट के पासवर्ड, पिन (Pin), टिन (Tin) आदि की जानकारी पूरी तरह से गोपनीय है तथा बैंक के कर्मचारी/सेवा कार्मिक कभी भी इसकी माँग नहीं करते हैं। इसलिए ऐसी जानकारियां बार बार मांगे जाने पर भी किसी को न दें।
फ़िशिंग अटैक में क्या करें:
- हमेशा एड्रेस बार में सही यूआरएल टाइप कर वेबसाईट को ओपन करे |
- आपका यूजर आईडी एवं पासवर्ड केवल Authorized लॉग-इन पेज पर ही दें।
- अपना यूजर आईडी एवं पासवर्ड डालने से पूर्व कृपया सुनिश्चित कर लें कि लॉग-इन पेज का यूआरएल ‘https://’ से प्रारम्भ हो रहा है ‘http:// से नहीं। ‘एस’ से आशय है सुरक्षित (secured) तथा यह दर्शाता है कि वेब पेज में एंक्रिप्शन का प्रयोग हो रहा है।
- कृपया ब्राउसर एवं वेरीसाइन प्रमाण पत्र के दाईं ओर नीचे लॉक ( )का चिन्ह भी देखें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी फोन या इंटरनेट पर केवल तभी दें जब कॉल या सैशन आपने प्रारम्भ किया हो अथवा सहकर्मी को पूरी तरह से जानते हों।
- कृपया याद रखिए कि कोई भी बैंक कभी भी ई-मेल द्वारा आपके खाते की जानकारियां नहीं माँगता है ।
यदि आप गलती से अपना पासवर्ड/पिन/टिन आदि बता देते हैं।
यदि आप महसूस करते हैं कि फ़िशिंग से अथवा आपने अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी गलत स्थान पर दे दी है, तो जोखिम को कम करने के उपाय के रूप में निम्नलिखित कार्य तुरंत करें।
- अपनी यूजर एक्सेस को तुरंत लॉक कर दें।
- बैंक को तत्काल रिपोर्ट करें।
- अपनी खाता विवरणी की जांच करें तथा सुनिश्चित करें कि यह पूरी तरह से ठीक है। अगर कोई भी गड़बड़ी मिले तो अपने बैंक को तुरंत और ज़रूर बताये
गलत प्रविष्टियां या कुछ भी जो ठीक न लग रहा हो उसके बारे मेंअपने बैंक को सूचित करें। - रिस्क को न्यूनतम करने के लिए बैंक द्वारा दिए गए अन्य क्षतिपूरक नियंत्रणों का उपयोग करें। जैसे डिमांड ड्राफ्ट तथा तृतीय पक्षों के लिए सीमा को शून्य कर दें। उच्च सुरक्षा को सक्रिय करें आदि।
कुछ सावधानियां बरत कर आप अपने आप को फिशिंग अटैक से बचा सकते हैं | दोस्तों तो ये थी जानकारी कि फिशिंग क्या है और हम फिशिंग से कैसे बचे | हम आशा करते हैं कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी | किसी सवाल या सुझाव के लिए कमेंट बॉक्स का प्रयोग करे |
आज के पोस्ट में Phishing Attack In Hindi – Phishing Attack Kya Hai , Phishing Kya Hai – फिशिंग अटैक की जानकारी हिंदी में कैसे सीखे, आपने सीखा की Phishing Kya Hota Hai के बारे में आपको मैंने पूरी तरह से जानकारी दी है मुझे उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा सावधान रहे और सुरक्षित रहे –
आज के इस दौर लगातार इंटरनेट का प्रयोग बढ़ रहे हैं। लगभग 2014 से 2018 तक इसके यूजर इतने काफी बढ़ चुके हैं कि जिसका हम वर्णन नही कर सकते है । सभी लोगों के पास एंड्राइड मोबाइल और इंटरनेट उपलब्ध है । लेकिन, जब वह इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो उसे अपने सुरक्षा का बिल्कुल भी ख्याल नही रहता है । और वह अपना व्यक्तिगत जानकारी को कई सारी वेबसाइट पर साझा कर देता है जिसका फलस्वरूप उसका नुकसान हो जाता है ।
So, आज आपने बहुत हीं अच्छा कार्य किया जो लोगों को इसके बारे में जानकारी को साझा कर दिए । इससे लोगों को बहुत ही फायदा होगा । बहुत-बहुत धन्यवाद आपको इस महान लेख को प्रकाशित करने के लिए। 👍
dhanywaad bhai