खाशाबा दादासाहेब जाधव की जीवनी, KD Jadhav Biography

KD Jadhav Jinka Pura Naam Khashaba Dadasaheb Jadhav Tha Ek Mahan Indian Wrestler The Jinhone 1952 Olympic Game Main Bronze Medal Jita Tha. Biography Aur Facts Ki Jankari.

KD Jadhav स्वतंत्र भारत के पहले पदक जितने वाले Athelet थे, ये एक बहुत ही Famous Wrestler थे। KD Jadhav ने Helsinki में आयोजित 1952 के Olympics में एक Individual Olympic पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे।

वे एक मात्र ऐसे Olympic Medalist थे जिन्हें पद्म पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ। Jadhav अत्यंत फुर्तीला थे इसलिए उन्हें अपने समय के अन्य पहलवानों से अलग करता है।

KD Yadhav Jeevni in Hindi

KD Jadhav Biography In Hindi: केडी जाधव जीवनी हिंदी में

Biography Of KD Jadhav
Name: Khashaba Dadasaheb Jadhav


Date Of Birth: January 15, 1926


Birth Place: Satara, Maharashtra,


Age: 58


Occupation: Athlete


Parents: Dadasaheb Jadhav


Passed Away: August 14, 1984

KD Jadhav का पारिवारिक जीवन

KD Jadhav का जन्म January 15, 1926 को Satara District के Goleshwar गाँव में हुआ इनका पूरा नाम खाशाबा दादासाहेब जाधव था इनके पिता का नाम Dadasaheb Jadhav था।

KD Jadhav 5 भाइयों में से सबसे छोटे थे इन्होने मात्र 8 साल की उम्र में ही अपने शहर के Local Champion को मात्र 2 Mint में हरा कर अपने Area के Champion बन गए थे। इन्होने अपनी पढाई Karad District के स्कूल से किया, ये एक Wrestling परिवार में पले बढे।

KD Jadhav की जीवन-यात्रा

KD Jadhav के पिता एक Wrestling Coach थे इसलिए उन्होंने Jadhav को 5 साल की उम्र से ही उन्हें कुस्ती की Training देना आरंभ कर दिए थे और इसी लिए कुश्ती में उनकी सफलता उसे अछे Grades दिलाती रही।

इन्होने Quite Indian Movement में भी भाग लिया, उन्होंने 15, 1947 में संकल्प लिया की वे Olympic में तिरंगा झंडे को फहरांगे।

इन्होने अपनी Career की शुरुवात सन 1948 में की, वे पहली बार 1948 में लंदन ओलंपिक के दौरान प्रकाश में आये जब उन्होंने Flyweight वर्ग में छठवां स्थान प्राप्त किया।

और इसके बाद अगले चार सालो तक जाधव जम कर Traning की और 1952 में Helsinki के Olympics में उन्होंने Bantamweight (54 Kg ) में भाग लिया जिसमे 24 देशो के खिलाडियों ने भाग लिया।

KD Jadhav की सफलता की कहानी

उन्होंने यहा Canada, Mexico, और Germany जैसे देशो के खेलाडीयों के साथ कुस्ती कर उन्हें हराया लेकिन दुर्भाग्य वश वे Semi Final में हर गए, लेकिन वे वापस आए और मजबूती के साथ कुस्ती लड़ते हुए कांस्य पदक को जीता और वे स्वतंत्र भारत के पहले Individual Olympic Medalist बने।

उनके इस जीत का जश्न पुरे भारत ने मनाया और उनके स्वागत क लिए Karad Railway Station के बाहर 151 बैलगाड़िया लगी हुईं थी जो उनके स्वागत में ढोल ताशे बजा रहे थे।

1955 में उन्होंने Police Force Join कर लिया था जहाँ वे Sub-inspector के पद पर थे, यहां उन्होंने पुलिस विभाग में आयोजित कई प्रतियोगिताओं को जीता और ये एक खेल प्रशिक्षक के रूप में अपने National Duties को भी निभाए ।

ये 27 सालो तक पुलिस विभाग में कार्यरत थे और एक Asst. Police Commissioner बन कर Retired हुए। Job से Retirement के बाद वे Pension के लिए दर दर भटकते रहे जिसके कारण उन्होंने अपने जीवन के अंतिम चरण गरीबी में बिताए। 14 अगस्त 1984 में एक Road Accident में इनकी मौत हो गई

KD Jadhav के दिलचस्प तथ्य:

  • KD Jadhav स्वतंत्रता भारत के पहले Individual Medalist थे।
  • ये एक मात्र ऐसे खिलाडी थे जिन्हें पद्म पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ।
  • इन्होने 5 साल की उम्र में ही कुस्ती की Training शुरू कर दी थी।
  • 8 साल की उम्र में इन्होने अपने Local Wrestling Champion को सिर्फ 2 Minute मी ही हरा दिया।
  • पोलिस विभाग में एक अच्छे Post पर होने के बाबजूद इनके जीवन का अंतिम चरण गरीबी में बीता।

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