Chapter 12, Verse 20

ये तु धर्म्यामृतमिदं यथोक्तं पर्युपासते | श्रद्दधाना मत्परमा भक्तास्तेऽतीव मे…

Chapter 12, Verse 19

तुल्यनिन्दास्तुतिर्मौनी सन्तुष्टो येन केनचित् | अनिकेत: स्थिरमतिर्भक्तिमान्मे प्रियो नर: ॥19॥…

Chapter 12, Verse 18

सम: शत्रौ च मित्रे च तथा मानापमानयो: | शीतोष्णसुखदु:खेषु सम:…

Chapter 12, Verse 17

यो न हृष्यति न द्वेष्टि न शोचति न काङ् क्षति…

Chapter 12, Verse 16

अनपेक्ष: शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथ: | सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्त: स मे…

Chapter 12, Verse 15

यस्मान्नोद्विजते लोको लोकान्नोद्विजते च य: | हर्षामर्षभयोद्वेगैर्मुक्तो य: स च…